शिवलिंग पारद - An Overview
शिवलिंग पारद - An Overview
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शक्ति सिंह/ कोटा. हाड़ौती संभाग में यूं तो कई प्राचीन शिवमंदिर हैं, जिनमें कई सदियों पुराने शिवलिंग स्थापित हैं. लेकिन, कोटा के स्टेशन इलाके में मौजूद श्री राम मंदिर में एक विशेष प्रकाद का शिवलिंग स्थापित है, जिसे पुराणों में पारद शिवलिंग कहा जाता है. इसका नाम पारद पड़ने की पीछे की वजह भी काफी खास है.
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।
अगर आप भी जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।
पारद शिवलिंग की भक्तिभाव से पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।
- गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है।
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बन्ध्या वा काकबंध्या वा मृतवत्सा यांगना।
वैसे तो नर्मदेश्वर शिवलिगं श्रेणी के शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरी नहीं होती है और पारद शिवलिंग भी अपने आप में एक पवित्र लिंगम है पर फिर भी शिवलिंग को घर में स्थापित करने से पहले get more info उसकी भली प्रकार पूजा अर्चना किया जाना बहुत आवश्यक है। आइये जानते है किसी भी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा
आपको बता दें कि पारद शिवलिंग पर पारद और चांदी के मिश्रण से बनी होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर सोमवार के दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ पर पराद शिवलिंग की पूजा की जाए, तो भगवान शिव जातक को मनचाहा वरदान देते हैं और उसे भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इतना ही नहीं जातक के जीवन में आ रही सारी परेशानियां दूर हो जाती है और उसे अपने जीवन में खुशियों प्राप्त होती हैं।
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पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है।
घर में रखे हुए शिवलिंग का अभिषेक अवश्य करना चाहिए।
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आध्यात्मिक विकास: स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से आध्यात्मिक ज्ञान और विकास को बढ़ावा मिलता है।